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महाराणा प्रताप का असली भाला । महाराणा प्रताप के बारे में अनसुनी बातें
Maharana Pratap real Bhala (Spear) । Unknown facts about Maharana Pratap
इस पोस्ट में आप महाराणा प्रताप के भाले, कवच तथा तलवारों के बारे में जान पाएंगे इसके अतिरिक्त महाराणा प्रताप के बारे में कुछ ऐसी बातें जो बहुत ही कम लोगों को पता है वह भी इस पोस्ट में सम्मिलित की गई है।
1)महाराणा प्रताप का भाला और कवच अभी वर्तमान समय में कहां पर रखे हुए है?
महाराणा प्रताप का भाला और कवच उदयपुर शहर के सिटी पैलेस रखा हुआ है। आप सिटी पैलेस के म्यूजियम में जाकर महाराणा प्रताप का भाला और कवच देख सकतें है।
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2) महाराणा प्रताप के भाले और छाती के कवच का भार कितना था?
महाराणा प्रताप का भाला 80 किलो का था तथा छाती के कवच का भार 71 किलो था। महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो था तथा महाराणा प्रताप की ऊंचाई 7 फीट 5 इंच थी। इसके अलावा एक महान योद्धा में जो शारीरिक योग्यताएं होती है वह सभी महाराणा प्रताप के अंदर समाहित थी।
3) महाराणा प्रताप का जन्म किस स्थान पर हुआ था?
महाराणा प्रताप का जन्म कुंभलगढ़ अभ्यारण में स्थित कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। महाराणा प्रताप का बचपन भी इसी दुर्ग में खेलते हुए बीता था।
इसके अतिरिक्त महाराणा प्रताप के पिता महाराणा उदय सिंह की जान को जब खतरा था तो पन्नाधाय ने उदय सिंह को चित्तौड़ के दुर्ग से सुरक्षित निकालकर कुंभलगढ़ में ही पहुंचाया था और कुंभलगढ़ दुर्ग में ही 1537 ईस्वी में महाराणा उदय सिंह का राज्याभिषेक किया गया था।
4)महाराणा प्रताप ने घास की रोटियां किस जगह पर खायी थी?
महाराणा प्रताप ने घास की रोटियां मायरा के गुफाओं में खायी थी। हल्दीघाटी युद्ध के समय महाराणा प्रताप ने इसी गुफा में हथियारों को छुपाया था।
5) महाराणा प्रताप को बचपन में किस नाम से बुलाया जाता था?
महाराणा प्रताप को बचपन मे कीका नाम से बुलाया जाता था।
6) अकबर ने महाराणा प्रताप को क्या प्रस्ताव दिया था?
अकबर ने महाराणा प्रताप को यह कहा था कि अगर तुम मेरे सामने झुक जाते हो तो शासन करने के लिए आधा भारत तुम्हें दे दूंगा पर महाराणा प्रताप ने कहा मैं मुगलों के सामने कभी नहीं झुक सकता।
इसके अलावा अकबर ने महाराणा प्रताप के पास 6 शांति दूतों को भी भेजा था लेकिन महाराणा प्रताप ने अकबर का प्रस्ताव ठुकरा दिया और कहा कि एक राजपूत योद्धा इस तरह का प्रस्ताव कभी स्वीकार नहीं कर सकता।
7) महाराणा प्रताप अपने पास हमेशा दो तलवारें क्यों रखते थे?
महाराणा प्रताप अपने पास हमेशा दो तलवारें इसलिए रखते थे कि अगर किसी निहत्थे दुश्मन से सामना हो जाए तो उसे अपनी एक तलवार दे सकें।
8) महाराणा प्रताप ने दिवेर के युद्ध में किसे अपने हाथों से गंगाजल पिलाया था?
दिवेर के युद्ध में महाराणा प्रताप के पुत्र अमर सिंह ने दिवेर थाना के मुखिया सुल्तान खान पर अपने भाले से ऐसा भीषण प्रहार किया कि भाला सुल्तान खान और उसके घोड़े को बेधते हुए जमीन में जा गड़ा।
दर्द से तड़पते हुए सुल्तान खान ने जब पानी मांगा तो दुश्मन के प्रति दया भाव दिखाते हुए महाराणा प्रताप ने सोने के कलश मे गंगाजल मंगवाकर सुल्तान खान को अपने हाथों से गंगाजल पिलाया।
9) महाराणा प्रताप ने मुगलों पर पहला हमला या आक्रमण किस उम्र में किया?
महाराणा प्रताप ने छोटी आयु में ही मुगलों पर आक्रमण करना शुरू कर दिए थे। उन्होंने 13 वर्ष की उम्र में मेवाड़ के आसपास बसे अफगानीयों की बस्तियों पर हमले किए तथा महाराणा प्रताप मेवाड़ से जाने वाले मुगल सैनिकों पर भी गुलेल से हमला किया करते थे।
मुग़ल सैनिक महाराणा प्रताप के इस शौर्य से बहुत परेशान हो गए थे।
10) अकबर ने किसे महाराणा प्रताप का सिर काटकर लाने को कहा था?
अकबर ने बहलोल खान को महाराणा प्रताप का सिर काटकर लाने को कहा था, बहलोल खान बहुत जालिम और ताकतवर था पर जब हल्दीघाटी युद्ध में दोनों का सामना हुआ तो महाराणा प्रताप ने एक ही वार से बहलोल खान और उसके घोड़े के दो टुकड़े कर दिये। अकबर ने महाराणा प्रताप को 30 सालो तक बंदी बनाने की कोशिश की पर अकबर इसमें कभी सफल ना हो सका।
11) झाला मानसिंह ने महाराणा प्रताप के लिए हल्दीघाटी युद्ध में किस प्रकार बलिदान दिया?
झाला मानसिंह, महाराणा प्रताप के सहयोगी थे तथा महाराणा प्रताप की सेना में भी शामिल थे। जब 1576 की हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप बुरी तरह घायल हो चुके थे और महाराणा प्रताप को युद्ध भूमि से दूर ले जाना आवश्यक था।
तब युद्ध के मैदान में झाला मानसिंह ने राणा प्रताप के सिर से मुकुट उतार कर अपने सिर पर रखा और इसके बाद तेजी से कुछ दूरी पर जाकर युद्ध करने लगे मुगल सैनिक इन्हें महाराणा प्रताप समझकर ही इन पर टूट पड़े। झाला मानसिंह ने अकेले ही बहुत से मुगल सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया पर चारों तरफ से घिर जाने के कारण अंततः झाला मानसिंह वीरगति को प्राप्त हुए।
12) महाराणा प्रताप का महिलाओं के प्रति सम्मान भाव का उदाहरण
महाराणा प्रताप महिलाओं का बहुत अधिक सम्मान करते थे। महाराणा प्रताप के राज्य की किसी भी महिला को अकबर के हरम में नही भेजा जा सकता था।
जब मुग़ल सेना का बड़ा सैन्य अधिकारी अब्दुल रहीम खान-ए-खाना, मेवाड़ के खिलाफ अभियान चला रहा था, तब महाराणा प्रताप के पुत्र अमर सिंह ने अब्दुल रहीम खान-ए-खाना की सेना में शमिल सभी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया था।
जब महाराणा प्रताप को महिलाओं को कैद करने के बारे में पता चला, तो उन्होंने अपने पुत्र को इसके लिए फटकार लगाई। महाराणा प्रताप ने कहा कि महिलाओं का अनादर करना हमारी संस्कृति में नहीं है।
प्रताप ने अपने पुत्र अमर सिंह को महिलाओं को मुक्त करने की आज्ञा दी और सम्मान के साथ उनके शिविर तक सुरक्षित रूप से पहुँचाया।
13) अकबर ने महाराणा प्रताप की तारीफ में क्या कहा था?
अकबर ने महाराणा प्रताप की तारीफ में कहा था की महाराणा प्रताप अगर उसके साथ मिल जाए तो वह विश्व का सबसे शक्तिशाली राजा बन सकता है।
14) महाराणा प्रताप, चेतक के ऊपर हाथी का मुखौटा और सुंड क्यों लगाते थे?
महाराणा प्रताप चेतक के सिर पर हाथी का मुखौटा इसलिए लगाते थे ताकि युद्ध भूमि में शत्रु दल, घोड़े को हाथी समझे और महाराणा प्रताप तेज रफ्तार से शत्रु के पास पहुंचकर उनका सफाया कर सके।
Thanks
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